एड्स से बचना है तो जागरूकता और सुरक्षा जरुरी:- हिमांशु भट्ट

Citymirrors-news-jaiveer-फरीदाबाद:- जिला प्रशासन रेड क्रॉस सोसाइटी एवं जज्बा फाउंडेशन के सहयोग से आज विश्व एड्स दिवस के अवसर पर शहर के अलग अलग स्थानों (नेहरू ग्राउंड स्टील मार्किट, टाटा स्टील, बाई पास रॉड, एवम झुगी बस्ती) पर जाकर ट्रक ड्राइवर्स, झुगी बस्ती में रहने वाले लोग, लेबर्स, सेक्युरिटी गार्ड्स अदि को H I V Aids से समन्धित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई।
इस अवसर पर जिला रेड क्रॉस सोसाइटी से सुशिल कुमार (टी.आई. प्रोजेक्ट मैनेजर) ने बताया की विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है. यह दिन एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम (एड्स) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए है, जो ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होता है. एचआईवी के कारण एड्स होता है जब इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है. एड्स एक ऐसी स्थिति है जो संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता में हस्तक्षेप करती है. मानव शरीर एचआईवी से छुटकारा नहीं पा सकता है और कोई प्रभावी इलाज नहीं है. पिछले चार दशकों में एचआईवी / एड्स से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस लिया इस बीमारी से बचने के लिया जागरूकता एवं सुरक्षा जरुरी है।
इस अवसर पर जज्बा फाउंडेशन के अध्यक्ष हिमांशु भट्ट ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि सुरक्षा तो जीवन के हर कदम पर जरुरी है, प्यार के क्षणों में भी इस लिए हमें अपने जीवन में इस बीमारी से बचने के लिए ए.बी.सी. सिद्धान्त को अपनाना चाहिए। जिसमें ए(Abstinence)- संयम रखना या विवाह पूर्व यौन संबंध न बनाना।
बी(Be Faithful)- वफादार रहना ( अपने जीवन साथी के अलावा किसी और के साथ यौन संबंध न बनाना)।
सी(Condom)- (यदि ऊपर की दोनों बातों पर अम्ल न कर पाये तो हर यौन संभंध के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें)।
क्योंकि ये ही वह जिंदागी के सिद्धान्त है जिनका पालन कर हम इस बीमारी से बच्च सकते है।
इस अवसर पर राहुल वर्मा और आशीष मंगला ने लोगो को जागरूक करते हुए बतया की निरोध हमें तिहारी सुरक्षा प्रदान करता है। जिसमे यौन रोग, एच.आई.वी./ एड्स एवं अनचाहा गर्भ अदि। इसके साथ साथ यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी के सन्दर्भ में अपनी कोई समस्य के बारे में फ़ोन से जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो वह केंद्र सरकार द्वारा जारी एड्स हेल्पलाइन 1097 पर कॉल कर जानकारी प्राप्त कर सकता है। और अधिक से अधिक लोग को जागरूक किया जा सकता है।
 
                                                 
                                                    








