पर्यावरण को बचाने की नई पहल ,बड़खल के मछली पालन विभाग के तालाब में शहर की संस्थाओं की ओर से मूर्ति विसर्जन किया गया।

Citymirrors.in.एनजीटी की सख्ती के बाद जिला प्रशासन ने पर्यावरण सरंक्षण को बेहतर प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में शहर की कई दुर्गा पूजा कमेटियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में बने तालाबों में दुर्गा मां की मूर्तियों को विसर्जित किया। इसके साथ ही नगर निगम ने भविष्य में छठ पूजा स्थलों के आसपास तालाब बनाने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि आने वाले समय में किसी भी मौके पर देवी-देवताओं की मूर्तियों को नहरों में विसर्जित न किया जाए।बता दें कि शहर में बड़ी संख्या में बंगाल तथा महाराष्ट्र के मूल निवासी रहते हैं। दुर्गा पूजा तथा गणेश उत्सव के समापन पर अधिकांश संगठन नहरों में ही पूजा सामग्री और मूर्तियां विसर्जित करते रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नहरों में विसर्जन पर रोक लगा दी गई है, साथ ही एनजीटी की ओर से जिला प्रशासन को इस दिशा में सुधार करने के आदेश दिए गए हैं।
इस बार कई दुर्गा पूजा कमेटियों ने जिला उपायुक्त अतुल कुमार और निगमायुक्त सोनल गोयल से मिलकर मूर्ति विसर्जन के लिए तालाबों की व्यवस्था करने की मांग की थी। इसके बाद बड़खल में मछली पालन विभाग के तालाब में मंगलवार को शहर की संस्थाओं की ओर से मूर्ति विसर्जन किया गया। प्रशासन के प्रयास सराहनीय हैं। धीरे-धीरे सभी संस्थाएं जागरूक हो रही हैं। उम्मीद है कि मूर्ति विसर्जन के लिए अगले वर्ष और बेहतर व्यवस्था हो जाएगी।
-पीयूष पात्रा, सचिव, फरीदाबाद दुर्गाबाड़ी मूर्ति विसर्जन के लिए शहर में अलग से तालाब होने चाहिए, ताकि नहरों में मूर्ति विसर्जन की जरूरत ही न पड़े। जिला प्रशासन ने अब इस तरफ ध्यान देना शुरू किया है। हमने बड़खल के तालाब में जाकर मूर्ति विसर्जित की है।
 
                                                 
                                                    








