गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) वास्तव में वर्तमान परिवेश में ईज आफ डुईंग बिजनेस की ओर साकारात्मक कदम हैं। जेपी मल्होत्रा

 CITYMIRR0RS-NEWS- गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) वास्तव में वर्तमान परिवेश में ईज आफ डुईंग बिजनेस की ओर साकारात्मक कदम हैं जिसे सरकार ने प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में क्रियान्वित किया। जीएसटी गुड एंड सिम्पल टैक्स के रूप में प्रसिद्धि पाने लगा है और इसमें जो उदारवादी परिवर्तन आ रहे हैं वह सराहनीय हैं।
CITYMIRR0RS-NEWS- गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) वास्तव में वर्तमान परिवेश में ईज आफ डुईंग बिजनेस की ओर साकारात्मक कदम हैं जिसे सरकार ने प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में क्रियान्वित किया। जीएसटी गुड एंड सिम्पल टैक्स के रूप में प्रसिद्धि पाने लगा है और इसमें जो उदारवादी परिवर्तन आ रहे हैं वह सराहनीय हैं।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जे पी मल्होत्रा ने जीएसटी ऑडिट-प्रिरीक्यूईजट एंड सिग्रीफिकेन्स पर टैप डीसी कांफ्रैंस हाल में आयोजित विशेष वर्कशाप में यह विचार व्यक्त करते कहा कि जीएसटी करों को सरल व पारदर्शी बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है और इसके प्रति जागरूकता आवश्यक है।
मल्होत्रा ने बताया कि २०१५ में जीएसटी का कन्सैप्ट सामने आया तो डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने छह सेमिनार आयोजित किये जिसमें सर्वश्री बिमल जैन, एन  के गुप्ता, प्रियंका गर्ग, राजीव खुराना, नागेश बजाज सहित कई प्रतिष्ठित चार्टर्ड एकाउंटेंट ने महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई। आपने बताया कि जीएसटी आज हमारे सिस्टम में वित्त, बैलेंसशीट व अन्य प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गया है।
के गुप्ता, प्रियंका गर्ग, राजीव खुराना, नागेश बजाज सहित कई प्रतिष्ठित चार्टर्ड एकाउंटेंट ने महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई। आपने बताया कि जीएसटी आज हमारे सिस्टम में वित्त, बैलेंसशीट व अन्य प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गया है।
इस अवसर पर श्री बिमल जैन ने जीएसटी के स्वरूप तथा इसकी आडिट प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी। सीए श्री विशाल जैन ने बताया कि जीएसटी आडिट का विस्तारपूर्वक वर्णन करते बताया कि किस प्रकार उद्यमी अग्रिम प्रबंध कर सकते हैं। जीएसटी से संबंधित प्राय: पूछे जाने वाले सवालों का भी उत्तर देते हुए विशेषज्ञों ने जीएसटी कानून की व्याख्या की। बताया गया कि आडिट वास्तव में कर निर्धारण, प्रक्रिया, त्रुटियों की पहचान और कर और मूल्य निर्धारण में सहायक है।
बताया गया कि वेरीफिकेशन की आवश्यकता, रिकार्ड पर फोकस, टैक्स संबंधी स्थिति वर्तमान में काफी आवश्यक बन गये हैं और जीएसटी आडिट इसके लिये काफी सहायक है।
श्री जे पी मल्होत्रा ने डाटा के प्रयोग व इसकी आवश्यकता पर बल देते कहा कि यह जीएसटी आडिट के संबंध में काफी उपयोगी है।
टैप डीसी की सीईओ चारू स्मिता ने प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते कहा कि उनका संस्थान भविष्य में भी ऐसे उपयोगी आयोजन जारी रखेगा। आपने घोषणा की कि ११ अगस्त से एमएस एक्सल स्किल फार बिजनेस पर  १६ घंटे का विशेष सत्र आरंभ किया जाएगा तथा १७ अगस्त को वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष कार्यक्रम होगा।
१६ घंटे का विशेष सत्र आरंभ किया जाएगा तथा १७ अगस्त को वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष कार्यक्रम होगा।
ु डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से मिल रहे सहयोग का आभार व्यक्त करते आपने कहा कि टैप डीसी अपने उद्देश्यों के अनुरूप कार्यरत रहेगी। आज की वर्कशाप में एवरीइंडिया, एटीएम एक्सपोर्टस, सुपर शार्प इंडस्ट्री, भारतीय बाल्वज, गुडविल इंडस्ट्री, के के टैक्सटाईल, दिशा एसोसिएट्स, सिद्ध मास्टर बैचिज, पोलर आटो इंजीनियर्स, रिबोन आईएसओ सिस्टम, मानव रचना, स्काई मैप फार्मास्युटिकल, अविभा इंडस्ट्रीज, ईशा एक्सपोर्ट, परफैक्ट ब्रैड, अनुपम टैक्स प्रोसैर्सज, एस आर जी इंटरनैशनल, इंडियन पैकेजिंग सहित कई संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
 
                                                 
                                                    








