Citymirrors.in-84 लाख योनिया भुगतने के पश्चात मानव देह की प्राप्ति होती है। इसलिए इस देह का उपयोग व्यर्थ के कामों में न करके जनकल्याण व ईश्वर भक्ति में समर्पित करें। जब-जब अत्याचार और अन्याय बढ़ता है तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। ग्रीन फील्ड कालोनी स्थित श्री प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर में आयोजित श्री शिवपुराण कथा महोत्सव के अंतिम दिन मुख्यतिथि के रुप में पहुंचे ग्रीन फील्ड कालोनी आरडब्ल्यूए प्रधान वीरेंद्र सिंह भड़ाना ने कहे। श्री शिवपुराण कथा महोत्सव के आयोजक लक्ष्मी नारायण मंदिर समिति व महिला कीर्तन मंडली की और से आयोजित कथा में अंतिम दिन कथा वाचक पंडित निरंकार पांडे ने भ्क्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पुराणों में शिव को त्याग, तपस्या, वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया है। शिव सहज ही प्रसन्न हो जाने वाले एवं मनोवांछित फल देने वाले हैं। भगवान शिव सदैव लोकोपकारी और हितकारी हैं। त्रिदेवों में इन्हें संहार का देवता भी माना गया है। इस मौके पर आरडब्ल्यूए प्रधान वीरेंद्र सिंह भड़ाना ने कथा वाचक पंडित निरंकार पांडे का आशीर्वाद लिया । इस अवसर पर वीरेंद्र सिंह भड़ाना ने कहा शिवमहापुराण को वैराग्य की प्रिवेणी का संगम कहा जाता है। मोक्ष को प्राप्त करने की सबसे प्रथम सीढ़ी भक्ति ही है। भगवान शंकर के ध्यान से ही समस्त विकारों और पापों से मुक्ति मिल सकती है। शिव भक्ति से मनुष्य काम, क्रोध, लोभ और अहंकार के बंधन से छूट जाता है जिससे मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्ष वह दरवाजा है जहां से व्यक्ति भीतर चला जाता है और फिर कभी नहीं आता। जो लोग भगवन की सच्चे मन से भक्ति करते हैं भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। जिस मनुष्य में भगवन की भक्ति वास करती है और जिसमें परोउपकार की भावना वास करती है वास्तव में ऐसे लोगों को ही मनुष्य कहलाने का अधिकार है। कार्यक्रम के अंतिम दिन लंगर का आयोजन किया गया।