मन में धैर्य और संतोष की भावना आपको सुख का अहसास देती है। ब्रह्माकुमारी शिवानी
CITYMIRRORS-NEWS- हमारे जीवन में परिवर्तन नहीं होने का कारण हमारे नकरात्मक विचार हैं।मन में धैर्य और संतोष की भावना आपको जीवन में सुख का अहसास देती है। हम जो महसूस करते हैं उसके लिए लोग या परिस्थितियां जिम्मेदार नहीं हैं। वे तो बस स्टीम्युलस हैं, हमारे विचार, एहसास और व्यवहार हमारी प्रतिक्रियाएं हैं जिन्हें हम खुद निर्मित करते और चुनते हैं। बदलाव की तरफ पहला कदम स्वीकार करना है। एक बार आप खुद को स्वीकार कर लेते हैं आप बदलाव के दरवाजे खोल देते हैं। आपको बस यही करना है। बदलाव कुछ ऐसा नही है जिसे आप करते हैं, ये कुछ ऐसा है जिसकी आप अनुमति देते हैं। यह विचार ब्रह्माकुमारी शिवानी ने सेक्टर 21 स्थित द पैलेस बैंकेट हॉल में व्यक्त किये.कार्यक्रम में कई लोग उपस्थित थे . उन्होंने कहा कि यदि सृष्टि को सतयुग बनाना है तो हमें अपने अंदर सतयुगी संस्कारों को अथवा दैवी संस्कारो को अपनाना होगा.कलयुग हमारे ख़राब संस्कारों के कारन आया.तो हमें अपने अपना भाग्य बदलने के लिए सुंदर विचारों का सृजन करना होगा. इस अवसर पर मेयर सुमन बाला,उद्योगपति एच के बत्रा , सीपीएस सिमा त्रिखा,डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के प्रधान संजीव चौधरी,एसीपी राजेश चेची ,सेशन जज दीपक गुप्ता,सर्वोदय हॉस्पिटल के डायरेक्टर राकेश गुप्ता, महारानी पेंट्स के निर्माता बीआर भाटिया, आदि कई गणमान्य लोग उपस्थित थे