अचानक दिल्ली बार्डर सील करने की बजाय दूरगामी नीति व योजना आवश्यक : एच.के.बत्तरा

Citymirrors-news फरीदाबाद चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान श्री एच के बतरा ने हरियाणा, दिल्ली व उत्तरप्रदेश के बार्डर को सील करने तथा इस संबंध में बन रही असमंजस की स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस संबंध में सरकारों को स्थाई व दूरगामी नीति तैयार करनी चाहिए।
श्री बत्तरा के अनुसार वर्तमान में जबकि कोरोना महामारी के चलते उद्योग प्रबंधकों, व्यापारियों व आम जनता में पहले से ही स्थिति असहज बनी हुई है ऐसे में राज्यों की सीमाओं को बंद करने या खोलने से संबंधित नीति ऐसी होनी चाहिए जिससे एक स्पष्ट व पारदर्शी व्यवस्था बनी रहे।
श्री बत्तरा के अनुसार बार्डर को खोलना है या बंद करना है इसका निर्णय प्रभावी नीति के तहत लिया जाना चाहिए क्योंकि अचानक बार्डर बंद करने या खोलने से असमंजस का वातावरण बनता है जो किसी भी वर्ग के लिये अच्छा नहीं है।
श्री बत्तरा का मानना है कि हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के बीच विशेष रूप से व्यापारिक या औद्योगिक संबंध बने हुए हैं। यही नहीं एनसीआर के तहत आने वाले जिलों में तो संबंध और अधिक सौहार्द हैं क्योंकि कई उद्योग प्रबंधकों तथा श्रमिकों का आवास दिल्ली या उत्तर प्रदेश में है और वे हरियाणा में काम करते हैं और यदि किसी का आवास हरियाणा में है तो वह दिल्ली व उत्तर प्रदेश में काम करता है, ऐसे में बार्डर को एकदम से बंद कर देना या फिर खोलने के आदेश जारी कर देना परेशानी का सबब बन जाता है।
श्री बत्तरा के अनुसार दिल्ली, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के बीच रॉ मैटीरियल, मंडी भी कॉमन है जिससे यह समस्याएं बढ़ जाती हैं। यही नहीं कई बार तो इंजीनियर व मैकेनिक भी जिन्हें मशीनों को ठीक करना होता है भी एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में बुलाए जाते हैं, ऐसे में बार्डर से संबंधित स्थाई आदेश संबंधित समस्याओं के समाधान की ओर एक प्रभावी कदम होंगे क्योंकि इससे संबंधित वर्ग यह निर्णय ले लेगा कि अंतत: उसे किस विकल्प को चुनना है।
श्री बत्तरा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से आग्रह किया है कि वे इस संबंध में पहल करते हुए प्रभावी कार्यनीति का परिचय दें ताकि उद्योग प्रबंधकों, व्यवसायी वर्ग व आम जनता को राहत मिल सके।
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