धन के साथ भक्ति होनी जरूरी है, क्योंकि भक्ति रहित धन ले जाता है विनाश की ओर : पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली

फरीदाबाद, 31 जनवरी। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण ही मानव जीवन के उद्धार की सीढ़ी है, शर्त सिर्फ इतनी है कि श्रोता की श्रद्घा कितनी गहरी है, इसी प्रकार कि सीख गांव ददसिया ग्रेटर फरीदाबाद में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में लोगो को दि गई। श्रीमद्भागवत कथा में पं सुरेन्द्र शर्मा बबली पहुचे उन्होने सर्वप्रथम श्रवण व्यास पूजन किया व आशीर्वाद प्राप्त किया, और कहा कि सांसारिक धन खर्च करने पर काम होता है, लेकिन ईश्वर रूपी धन जितना खर्च होता है, उतना ही बढ़ता जाता हैं। सांसारिक धन भी सद्कार्यों में इस्तेमाल किया जाए तो वह बढ़ता है। धन के साथ भक्ति होनी जरूरी है, क्योंकि भक्ति रहित धन विनाश की ओर ले जाता है। सही अर्थों में धनवान वही है, जो धन से समाज और राष्ट्र की सेवा करता है, साथ में उन्होने कहा कि दान का जीवन में बहुत ही महत्व है। कुछ लोग दान करते हैं ताकि उनका नाम हो जबकि कुछ लोग दान करते तो हैं परंतु किसी को बताते नहीं। क्योंकि वे आस्था से भक्ति से नि:स्वार्थ दान करते हैं। अत: दान करें तो खुशी से हर्षोल्लास से क्योंकि यही पाप भी है, यही पुण्य भी है अतं मे उन्होने कहा जीवन को सफल व सार्थक बनाती है श्रीमद्भागवत कथा। इस अवसर पर पं. श्यामसुंदर शर्मा, पं. एल आर शर्मा, पं. ब्रजमोहन वशिष्ठ, पं. ज्ञानदेव वत्स, पं. महेश शर्मा. पं देवेन्द्र मैनेजर, पं. इंद्रजीत शर्मा, पं. नरेश शर्मा, अजय गुप्ता सहित सम्मानित महानुभाव भक्तजन उपस्थित रहे सनातन धर्म की जय हो – पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा व सम्मानित टीम ।
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