पूर्व मुख्यमंत्री ने पीडि़त परिवारों को मिलकर उन्हें बंधाया ढांढस
CITYMIRRORS-NEWS- गांव पलवली में रविवार को हुए नरसंहार के पीडि़त परिवारों सांत्वना देने आज गांव पलवली पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा ने प्रदेश की खट्टर सरकार पर हल्ला बोलते हुए कहा कि इस नरसंहार ने कानून व्यवस्था की कलई खोलकर रख दी है कि किस प्रकार प्रदेश में गुंडातत्व हावी है। उन्होंने कहा कि गांव में 5-5 व्यक्तियों की सरेआम हत्या किए जाने के बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री तो दूर की बात है सरकार का कोई प्रतिनिधि भी आज तीन दिन बीत जाने के बावजूद भी गांव पलवली में पीडि़त परिवारों का हालचाल पूछने तक नहीं पहुंचा है, जिससे साफ पता चलता है कि सरकार कितनी संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्ण रुप से फेल साबित हुई है तथा प्रदेश में आए दिन हत्या व डकैती जैसे घिनौने अपराध होना आम बात हो गई है। उन्होंने इस जघन्य हत्याकांड में बगैर किसी पक्षपात के सभी आरोपियों को कडी से कडी सजा दिलवाए जाने की पुरजोर मांग की है। हुड्डा आज तिगांव क्षेत्र के गांव पलवली में पीडि़त परिवारों को ढांढस बंधाने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ बड़खल विधानसभा से कांग्रेस के युवा नेता विजय प्रताप तिगांव क्षेत्र के विधायक ललित नागर, पूर्व स्पीकर एवं विधायक कुलदीप शर्मा, पूर्व मंत्री करण दलाल, पूर्वमंत्री पंडित शिवचरण लाल शर्मा, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव शारदा राठौर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लखन सिंगला, जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष तरुण तेवतिया मौजूद थे। इस मौके पर हुड्डा ने सभी पांच मृतको के परिवारों के घर जाकर उन्हें ढांढस बंधाया। वहीं कहा केि कांग्रेस पार्टी दुख की इस घडी में उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी है तथा उनके साथ हुए इस घनघोर अन्याय के विरोध में वह सरकार के खिलाफ उनकी आवाज बुलंद ·करने का काम करेंगे इस मौके पर ग्रामीणों ने हुड्डा के समक्ष अपना दुखड़ा रोते हुए बताया कि तीन दिन बीतने के बावजूद भी स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, भाजपा के विधायक के साथ-साथ कोई भी अधिकारी उनके गांव में आकर उनकी सुध तक नहीं ली है। इस मौके पर बड़खल विधानसभा के कांग्रेसी नेता विजय प्रताप ने कहा कि समाज में ऐसे जघन्य अपराध करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है, जहां तक राजनैतिक संरक्षण की बात है तो सरकार को चाहिए कि तुरंत आरोपियों के खिलाफ कडी कार्यवाही करते हुए दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जाए वहीं जिस-जिस घर के दीये बुझ गए है, उन्हें आर्थिक मदद के साथ-साथ सरकारी नौकरी का प्रावधान करना भी सरकार की जिम्मेदारी बनती है।