सर्वोदय अस्पताल में जापानी तकनीक से हार्ट रोगियों का इलाज किया जाएगा। डॉ राकेश गुप्ता
CITYMIRRORS-NEWS-बदलती लाइफ स्टाइल में हार्ट रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। बुजुर्गों के साथ युवाओं में भी यह रोग तेजी से बढ़ रहा है। सेक्टर आठ स्थित सर्वोदय अस्पताल के आकड़ों के मुताबिक 5 हजार मरीजों में से 30 पर्सेंट मरीज ऐसे पाए गए है जिसमें हार्ट की नसों में ब्लॉकेज ज्यादा सामने आए है। जिसे देखते हुए अब अस्पताल में जापानी तकनीक से हार्ट रोगियों का इलाज किया जाएगा। हार्ट की बंद कठोर ब्लॉकेज को रेट्रोग्रेट तकनीक से खोला जाएगा। जिसे जापान में काफी सफल बताया गया है।नीलम बाटा रोड स्थित एक होटल में प्रेसवार्ता के दौरान अस्पताल के चेयरमैन एवं एमडी राकेश गुप्ता ने बताया कि हार्ट की बीमारी के कई रिक्स फैक्टर देखने को मिले है। एंजियोग्राफी के दौरान कई बार देखा गया है कि रोगी के हार्ट की नसों में कठोर ब्लॉकेज होते है। जिन्हें कई बार नार्मल एंजियोग्राफी से खोलना मुश्किल होता है। ऐसे में मरीज ओपन हार्ट सर्जरी पर चला जाता है जबकि जापनीज तकनीक में मरीज को ओपन सर्जरी में जाने की जरुरत नहीं पड़ती है। जापान के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ़ मसाकी तनाबए संग मिल ने बताया कि आमतौर पर नसों के कठोर ब्लॉकेज को खोलने के बंद नसों में बॉल्स डालकर खोलने की कोशिश की जाती है, ऐसे में हल्की सी चूक रोगी की जान पर बन आती है। रेट्रोग्रेट तकनीक में हम मरीज की स्वस्थ नसों में बारीक वायर डालकर बंद बॉल्क तक पहुंचते है और उसे आसानी से खोल देते हैं। इस तकनीक में रिक्स बेहद कम होता है लेकिन समय थोड़ा ज्यादा लगता है। इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए स्पेशल डॉक्टरों की टीम होती है जो सर्वोदय अस्पताल में मौजूद है। जापान में यह तकनीक 90 पर्सेंट सफल हुई है। अस्पताल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ़ एलके झां और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ़ अमित कुमार ने कहा कि दिल्ली एनसीआर के कुछ ही अस्पतालों में यह तकनीक मौजूद है। रेट्रोग्रेट तकनीक से सर्जरी में दो घंटे का समय लगता है। दो दिन में मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है।