डी.ए.वी. शताब्दी कॉलेज में चल रहे सात दिवसीय शिविर का समापन।
citymirrorsnews- डी.ए.वी. शताब्दी कालेज में चल रहे सात दिवसीय शिविर का समापन शुक्रवार को हो गया। शिविर के अंतिम दिन भी स्वयंसेवकों ने अपने दिन की शुरुआत योगा से की। इस सत्र में उन्होंने पिछले सात दिन सीखें सभी योगासनों को दोहराया और योगा से होने वाले लाभों के प्रति लोगों को जागरुक करते रहने का प्रण लिया। फिर छात्र-छात्रों ने कालेज के आसपास के इलाकों में जाकर लोगों को धन्यवाद किया कि उन्होंने छात्र-छात्राओं द्वारा उत्पन्न की गई जागरुकता के फलस्वरुप कालेज के पास कूड़ा फेंकना बंद कर दिया है। एन.आई.टी. के निवासियों ने छात्रों से वायदा किया वे और लोगों को भी कूड़ा न फेंकने के लिए प्रेरित करेंगे ताकि कालेज के पास गन्दगी न फैले व सफाई रहे।शिविर के दौरान सिखे हुए सड़क सुरक्षा के तरीको का व्यवहारिक रुप से स्वयसेवकों ने प्रयोग किया और लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक किया। सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता उत्पन्न करने के लिए रैली भी निकाली गई। कैश व डिजिटल इंडिया की मुहिम के अंतर्गत छात्राओं द्वारा समाज के कमज़ोर वर्ग के लोगों में वदसपदम व दमजइंदापदह आदि के बारे में जागरुकता उत्पन्न की गई। सांयकालीन सत्र में शिविर के समापन का कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर डी.ए.वी. गान द्वारा मुख्य अतिथि हेमा कौशिक का स्वागत किया गया मुख्य अतिथि ने कहा कि वे पिछले तीन वर्षाे से इस कालेज के एन.एस.एस. शिविर में आ रही है और इस शिविर द्वारा छात्रों को जीवन का असली दर्पण दिखाये जाने के लिए प्राचार्य डा.सतीश आहूजा व उनकी टीम बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि डा.सुनीति आहूजा के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज ये छात्र इतनी उर्जा और उत्साह से भरपूर है कि अपनी जिन्दगी के अलावा समाज के लिए भी कुछ करने को अग्रसर हैं। उन्होंने स्वयंसेवको को देश व समाज सेवा के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया। समापन के कार्यक्रम में ‘‘बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं’’ विषय पर एक लघु नाटिका भी प्रस्तुत की गई।
प्राचार्य डा.सतीश आहूजा जी ने हमेंशा विद्यार्थियों को प्रेरित करते है कि जीवन में परोपकार करना, दूसरों की सेवा करना और उसमें ज़रा भी अहंकार न करना यही सच्ची शिक्षा है। उन्होंने डा.सुनीति आहूजा (संयोजिका एन.एस.एस. गर्ल्स इकाई) व जितेन्द्र ढुल (संयोजक, एन.एस.एस. बॉयज इकाई ) को स्वयंसेवक छात्र-छात्राओं को जीवन की सच्ची शिक्षा देने के लिए बधाई दी। डा.सुनीति आहूजा जी (संयोजिका एन.एस.एस. गर्ल्स इकाई) ने कहा कि महान बनने की चाहत तो हर एक में होती है पर पहले इंसान बनना अक्सर लोग भूल जाते हैं। इस शिविर के माध्यम से उनका प्रयास एक ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण करना था जो संवेदनशील हो, सामाजिक एवं मौलिक दायित्व समझता हो, जीवन की वास्तविकताओं को समझकर व्यवहारिकता पर बल देता हो और एक श्रेष्ठ नागरिक हो। शिविर में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। बेस्ट गर्ल्स नेहा रानी रही व बेस्ट बॉयज मनीश रहे।
स्वयंसेवक छात्र-छात्राओं ने डा.सुनीति आहूजा (संयोजिका एन.एस.एस. गर्ल्स इकाई) व जितेन्द्र ढुल (संयोजक, एन.एस.एस. बॉयज इकाई ) का धन्यवाद करते हुए कहा कि इन सात दिनों ने तो उनके जीवन का रुप ही बदल दिया है। वे इस शिविर में सीखी बातों का आगे भी पालन करते रहेंगे। कार्यक्रम में डा. वनीता सपरा, प्रो. अंजली मंचदा, प्रो. प्रिया कपूर, प्रो. शालिनी , प्रो. राजविन्दर, प्रो. कविता शर्मा, प्रो. वन्दना, श्री अशोक मंगला, श्री आनन्द सिंह आदि का सहयोग रहा।